1) ब्रिटेन (Britain) के यूरोपीय संघ (European Union) में बने रहने अथवा इससे बाहर निकलने के अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर होने वाला ऐतिहासिक जनमत संग्रह (Referendum) कब आयोजित किया जायेगा, जिसके बारे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन (David Cameron) ने 20 फरवरी 2016 को घोषणा की? – 23 जून 2016

– कैमरॉन ने यह भी कहा कि उनकी सरकार एक सुधरे हुए यूरोपीय संघ (reformed EU) में देश के बने रहने का समर्थन करेगी तथा 23 जून को होने वाला यह जनमत संग्रह देश के इतिहास में एक ऐतिहासिक पड़ाव सिद्ध होगा।
– जनमत संग्रह की यह तिथि तय करने से पूर्व यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रुसेल्स (Brussels) में ब्रिटेन तथा यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बीच दो दिन गंभीर चिंतन का दौर चला था।
– उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से निकलने से पूरे संगठन को एक बड़ा झटका लगेगा। शरणार्थी समस्या तथा यूरो ज़ोन के अस्तित्व को लेकर यूरोपीय संघ पिछले काफी समय से समस्याओं के दौर से गुजर रहा है।
– ब्रिटेन यूरोपीय संघ की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, यहाँ का वित्तीय केन्द्र है तथा दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है। ये 1973 से संगठन का हिस्सा रहा है।
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2) अपने तरह के एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत भारत (India) की 25 और इज़राइल (Israel) की लगभग 100 प्रतिरक्षा कम्पनियाँ (defence companies) एक सम्मेलन में शामिल हुईं जिसका आयोजन 21 फरवरी 2016 से इज़राइल में शुरू हुआ। इस 5-दिवसीय आयोजन में दोनों देशों के बीच प्रतिरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने तथा इसी क्षेत्र के मध्यम व लघु उपक्रमों (MSMEs) के बीच परस्पर साझा समझौते करने पर जोर दिया जायेगा। इस आयोजन में शामिल भारत का प्रमुख औद्यौगिक संगठन कौन सा है? – FICCI (फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री)
विस्तार: भारत व इज़राइल के प्रतिरक्षा क्षेत्र के अपने तरह के इस पहले आयोजन को संयुक्त रूप से इज़राइल का रक्षा मंत्रालय (SIBAT), अंतराष्ट्रीय प्रतिरक्षा सहयोग निदेशालय (International Defence Cooperation Directorate) तथा फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (FICCI) आयोजित कर रहे हैं।
– इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मेक इन इण्डिया” (‘Make in India’) नीति से प्रतिरक्षा क्षेत्र से उदित अपार संभावनाओं पर जोर दिया जायेगा। इसके अलावा भारत में प्रतिरक्षा उपकरणों की प्राप्ति से सम्बन्धित नई नीति के परिप्रेक्ष्य में भी विचार-विमर्श होगा। दोनों देशों के बीच प्रतिरक्षा क्षेत्र में संयुक्त उपक्रम (joint-ventures) स्थापित करने पर भी जोर होगा।
– सम्मेलन में दोनों देशों के प्रतिरक्षा उपक्रमों के बीच 500 से अधिक बैठकों के दौर चलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि प्रतिरक्षा में भारत और इज़राइल पिछले कई वर्षों से सहयोग को नई ऊँचाइयाँ देने पर जोर दे रहे हैं। यह हाल-फिलहाल के वर्षों में SIBAT तथा FICCI द्वारा आयोजित इस तरह का चौथा सम्मेलन है।
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3) भारत के पेट्रोलियम आयात (Indian petroleum imports) में क्या महत्वपूर्ण बदलाव हाल ही में दिखाई दिया है जिसके बारे में थॉमसन रॉयटर्स ऑयल रिसर्च एण्ड फोरकास्ट्स (Thomson Reuters Oil Research & Forecasts – TRORF) ने नवीनतम जानकारी फरवरी 2016 के दौरान जारी की? – जनवरी 2016 के दौरान सऊदी अरब और इराक से होने वाला तेल आयात पिछले एक दशक के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच गया
विस्तार: TRORF द्वारा जारी जानकारी के अनुसार जनवरी 2016 के दौरान सऊदी अरब (Saudi Arabia) और इराक (Iraq) से होने वाला कच्चे तेल का आयात (crude oil imports) एक दशक के सर्वोच्च स्तर पर पहुँच गया क्योंकि लैटिन अमेरिकी तेल निर्यातक देशों की कीमत पर OPEC के शीर्ष उत्पादक देशों ने अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया है।
– जनवरी 2016 के दौरान सऊदी अरब भारत को तेल निर्यात करने वाले सबसे बड़े देश के रूप में उभरा। पिछले साल (2015) के जनवरी माह के मुकाबले इसमें 29% की वृद्धि के साथ यह 930000 बैरल प्रति दिन (bpd) तक पहुँच गया।
– 930000 bpd के निर्यात के साथ दूसरे स्थान पर इराक रहा, जिसने जनवरी 2015 के मुकाबले 52% की भारी वृद्धि दर्ज की। इसी के साथ इन दोनों का भारत को होने वाला तेल निर्यात 2001 के बाद बैरल प्रति दिन के आधार पर अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गया।
– वहीं लैटीन अमेरिका के तेल उत्पादक देशों से भारत को होने वाला निर्यात जनवरी 2016 के दौरान 706000 bpd रहा जो एक वर्ष पहले के स्तर के मुकाबले लगभग 25% प्रतिशत गिर गया।
– उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। पिछले कुछ समय से पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) से सम्बद्ध मध्य-पूर्व के सदस्य देशों ने तेल के प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों तथा भारत से कम दूरी के चलते भारत को होने वाले निर्यात में मजबूती हासिल कर ली है।
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4) किस बल्लेबाज ने 20 फरवरी 2016 को टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज शतक लगाकर विव रिचर्डस (Viv Richards) और मिसबाह-उल-हक (Misbah-ul-Haq) के सबसे तेज शतक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया? – ब्रेण्डन मैक्कलम (न्यूज़ीलैण्ड)
विस्तार: ब्रेण्डन मैक्कलम (Brendon McCullum) ने अपने जीवन का 101वाँ तथा अंतिम टेस्ट मैच खेलते हुए इस टेस्ट को उस समय यादगार बना दिया जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्राइस्टचर्च (Christchurch) में चल रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन मात्र 54 गेंदों पर अपना शतक पूरा कर लिया।
– ब्रेण्डन मैक्कलम इस पारी में 145 रन बनाकर आउट हुए।
– इस शानदार पारी के बदौलत उन्होंने वेस्ट इंडीज़ के महान बल्लेबाज सर विवियन रिचर्डस (Sir Vivian Richards) द्वारा एंटीगुआ (Antigua) में 1986 में इंग्लैण्ड के खिलाफ 56 गेंदों पर शतक बनाने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। बाद में वर्ष 2014 में पाकिस्तान के मिसबाह-उल-हक (Misbah-ul-Haq) ने रिचर्डस के उस रिकॉर्ड की बराबरी अबू धाबी (Abu Dhabi) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए की थी।
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5) किसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund – IMF) के प्रबन्ध निदेशक (MD) के पद पर 5 और वर्ष के लिए नियुक्त करने की घोषणा 19 फरवरी 2016 को की गई? –क्रिस्टीन लगार्ड
विस्तार: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने 19 फरवरी 2016 को हुई अपनी बैठक में फ्रांस (France) की 60-वर्षीया क्रिस्टीन लगार्ड (Christine Lagarde) को 5 और वर्ष के लिए कोष की प्रबन्ध निदेशक नियुक्त कर दिया। इस प्रतिष्ठित पद पर उनका यह दूसरा कार्यकाल 5 जुलाई 2016 से शुरू होगा।
– 60-वर्षीया क्रिस्टीन लगार्ड फ्रांस की पूर्व वित्त मंत्री हैं तथा उन्होंने वर्ष 2011 के मध्य में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का सर्वोच्च पद तब संभाला था जब इस पद को संभाल रहे उनके ही देश के डॉमिनिक स्ट्रॉस-कान (Dominique Strauss-Kahn) को यौन उत्पीड़न के एक मामले में नाम आने के बाद यह पद छोड़ना पड़ा था।
– क्रिस्टीन 1944 में स्थापित IMF के प्रमुख का पद संभालने वाली पहली महिला हैं तथा उन्होंने यूरोप के वित्तीय संकट तथा अंतर्राष्ट्रीय मंदी के दौर में इस पद को बखूबी संभाला है।
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